पांढुर्ना जिले के छोटे से गांव भुली से निकलकर देश की व्यस्ततम महानगर मुंबई की मेट्रो व्यवस्था संभालने तक का सफर तय करने वाले नमदेव रबड़े को ‘महा मुंबई मेट्रो ऑपरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ (MMMOCL) का नया निदेशक नियुक्त किया गया है। वे अब मुंबई के उपनगरों में संचालित प्रमुख मेट्रो लाइनों के संचालन और विस्तार की कमान संभालेंगे।
1996 बैच के भारतीय अभियांत्रिकी सेवा (IES) अधिकारी रबड़े, तकनीकी विशेषज्ञता और नेतृत्व क्षमता के प्रतीक माने जाते हैं। उन्होंने रेमंड्स, नेशनल फर्टिलाइज़र लिमिटेड और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड में कार्य करते हुए औद्योगिक अनुभव प्राप्त किया, जिसके बाद भारतीय रेलवे में उनका योगदान ऐतिहासिक रहा।
रेलवे में उन्होंने पलक्कड़, तिरुवनंतपुरम, चेन्नई और नागपुर जैसे प्रमुख मंडलों में अहम जिम्मेदारियाँ निभाईं। रत्नागिरी में कार्य करते हुए कोंकण रेलवे के साथ एंटी-कोलिजन तकनीक पर किया गया उनका कार्य अत्यंत सराहनीय रहा। उन्होंने नागपुर मेट्रो और नवी मुंबई मेट्रो के संचालन को एक कार्यकारी निदेशक के रूप में सफलतापूर्वक मूर्त रूप दिया।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के साथ मिलकर भारतीय रेलवे के लिए नागपुर में आधुनिक लोकोमोटिव डिपो की स्थापना में अहम भूमिका निभाई।
भुली गांव, जो कि पांढुर्ना जिले का एक छोटा लेकिन संस्कारों से परिपूर्ण स्थान है, वहां जन्मे और पले-बढ़े नमदेव रबड़े ने यह सिद्ध किया है कि सपने सीमित संसाधनों से नहीं, असीम संकल्प से पूरे होते हैं। भुली जैसे छोटे गांव से निकलकर मुंबई जैसे वैश्विक महानगर की मेट्रो व्यवस्था का नेतृत्व करना हर ग्रामीण युवा के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
रबड़े केवल एक इंजीनियर नहीं, बल्कि एक समाजसेवी और कृषक भी हैं। वे ‘सहज फाउंडेशन’ के अध्यक्ष हैं, जो गरीबों और ज़रूरतमंदों की सहायता में संलग्न है। साथ ही, वे खेती में उन्नत तकनीकों का उपयोग कर ग्रामीण कृषि को सशक्त बनाने में भी जुटे हुए हैं।
आज जब मुंबई मेट्रो के भविष्य को दिशा मिल रही है, वहीं पांढुर्ना और विशेषकर भुली गांव गर्व से अपने इस सपूत पर नाज़ कर रहा है।